
*जिला स्तरीय अधिकारी गाड़ी में बैठ कर करवा रहा फर्जी वाड़ा*
*आए दिन फर्जी तरीके से घूम रही एंबुलेंस का खुलासा कर रही है मीडिया*
*एंबुलेंस प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा ने कहा 2017 में अगर फर्जीवाड़ा हो रहा था*
*अम्बेडकर नगर एंबुलेंस प्रभारी विनोद मिश्रा का बयान…… किसी को नौकरी से हटा कर क्या खुसी मिलेगा*
अम्बेडकर नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी एम्बुलेंस 108 मीडिया ने कल फिर बिना मरीज के घूम रही थी एम्बुलेंस को धरदबोचा बसखारी स्वास्थ्य केंद्र एम्बुलेंस निकली तो बसखारी से ही मीडिया एंबुलेंस का पीछा किया बसखारी से एंबुलेंस जाकर बढ़ियानी रोड के किनारे खड़ी हो गई बसखारी बढियानी दुरी छे से सात किलोमीटर की दुरी लगभग एक से डेढ़ मिनट खड़ी थी सवाल अब खड़ा हो गया बसखारी से लगभग बसखारी से बढ़ियानी दुरी 7 किलोमीटर है आखिर वह एंबुलेंस जब बढ़ियानी में खड़ी हुई वहां से फिर बिना मरीज लिए ही वहां से चलकर फिर बसखारी सामुदायिक केंद्र पहुंच जाती है और जब इमरजेंसी टेक्नीशियन से पूछ ताछ होती है तो इमरजेंसी टेक्नीशियन कहता है कि हम तेल भरवाने गए थे आखिर बसखारी स्वास्थ्य केंद्र से चंद कदमों की दूरी पर पेट्रोल पंप है आखिर क्या आवश्यकता पड़ गई की 7 किलोमीटर गाड़ी फालतू एम्बुलेंस को दौड़ाया गया । यह रहस्य जरूर बना हुआ है की इमरजेंसी टेक्नीशियन किसके लिए इतना बड़ा झूठ बोल रहा है इसमें से में सरगना कौन है कि जो फर्जी तरीके से एंबुलेंस को दौड़ा रहा है ।
*अम्बेडकर नगर एंबुलेंस प्रभारी विनोद मिश्रा का बयान*
जब एंबुलेंस जिला प्रभारी विनोद मिश्रा से दूरभाष से संपर्क किया गया तो तो पहले उन्होंने गोल मटोल करने की कोशिश की जवाब देने से कतरा रहे थे और उनके द्वारा यह भी कहा गया की क्या किसी की नौकरी से हटा आप खुश रहेंगे बात वही नहीं खत्म हुई और यह भी कहा आपका कोई काम है तो बताइए आपका काम हो जाएगा आखिर विनोद मिश्रा जिला प्रभारी क्या मीडिया कर्मी का काम करेंगे सवाल यह है की सरकार के द्वारा जो योजना एम्बुलेंस चला कर जनता को लाभ पहुंचाना चाह रही है। विनोद मिश्रा, अमित वर्मा इन लोगों ने दुरुपयोग कर फर्जी मरीज ढोने के नाम पर G.V.K कंपनी को भारी भरकम लाभ पहुंचा रहे हैं ऐसा लगता है इस लाभ में सभी लोगों का श्रेय बट रहा है इसलिए बातों को छुपाया जा रहा है।
*एम्बुलेंस प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा का बयान*
एंबुलेंस प्रोग्राम मैनेजर अमित वर्मा अपने बयान में यह कह रहे हैं की 2017 में यह सब फर्जीवाड़ा हो रहा था यह गुत्थी सुलझा नहीं रहा आखिर 2017 में अगर फर्जीवाड़ा हो रहा था तो क्या यह काम हुआ यह फर्जीवाड़ा का गुत्थी उलझता ही चला जा रहा है। एक जिम्मेदार पद पर एंबुलेंस प्रोग्रामिंग मैनेजर, अमित वर्मा का यह बयान साबित कर रहा है कि यह बड़े पैमाने पर फर्जीवाडे हो रहे । लाख कोई सच्चाई को छुपाना चाहे लेकिन सच्चाई जुबान पर आ ही जाती है यही हाल एंबुलेंस प्रोग्राम में मैनेजर अमित वर्मा, एवं प्रभारी विनोद मिश्रा का है जिला अधिकारी अविनाश सिंह इस मामले को संज्ञान में लेकर जांच कमेटी बैठाई जाए तो इस मामले का होगा बड़ा खुलासा अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो और बड़े पैमाने पर होगा फर्जी वाला आखिर इस फर्जी वाले पर अंकुश कैसे लगेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
*जिला स्तरीय अधिकारी गाड़ी में बैठ कर करवा रहा फर्जी वाड़ा*
गाड़ी को फर्जी तरीके से दौडाकर किसी तरीके से काल करवा कर किया जाता है परन्तु इसमें गाड़ी स्टांप अर्थात डायवर और ईएमटी की कुछ भी गलती नहीं है यह बेचारे मजबूर हैं क्योंकि इसमें जिला स्तरीय अधिकारी का सारा खेल होता है क्योंकि इसका जीता जागता उदाहरण बसखारी की 108 नम्बर की गाड़ी मीडिया के नजर में आते पोल खुल गई क्योंकि उस दिन गाड़ी में जिलास्तरीय अधिकारी आडिटर अभय के निगरानी में गाड़ी बनियानी गयी थी ।